गौचर :
पालिका क्षेत्र के सात गांवों की आराध्य देवी कालिंका की उत्सव डोली को तीन दिनों की पूजा अर्चना के लिऐ बुधवार को भट्टनगर ससुराल स्थित देवी कालिंका मंदिर से मायके स्थित मंदिर पनाई सेरा में विराजमान होगी। जिसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
पूर्व से चली आ रही परंपरा के अनुसार बुधवार को सुबह पुजारी द्वारा कालिंका के पर्श को गर्भ गृह से बाहर निकाल कर स्नान कराने के बाद श्रृंगार किया जायेगा। इसके पश्चात देवी के गुरु शैल गांव के शैली पंडितों द्वारा विधिवत देवी की पूजा अर्चना की जायेगी तथा शाम को चार बजे के आसपास रावलनगर से गाजे-बाजे के साथ गये अपने दोनों भाईयों रावल देवताओं की अगुवाई में ससुराल भट्टनगर से अपने मायके स्थित मंदिर पनाई सेरा के लिऐ आएगी। मंदिर में विराजमान होने के बाद तीन दिवसीय इस धार्मिक अनुष्ठान में देवी पाठ, हवन यज्ञ, भजन कीर्तन, देवी जागीरों व वैदिक मन्त्रोंचारण के साथ पूजा अर्चना कर देवी मां से क्षेत्र की सुख समृद्धि व खुशहाली हेतु कामनायें की जायेगी।