Uttarakhand: नशे का कारोबार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा , ढेर सारी स्मैक और चरस बरामद की

Uttarakhand: देवभूमि बनता जा रहा नशे का गहरा जंगल, दिन पर दिन स्मैक और चरसे हो रही हैं बरामद 

एक समय नशे के लिए केवल पंजाब बदनाम था, लेकिन अब यह कलंक देवभूमि के माथे पर भी लगता जा रहा है। मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ अब नशा पहाड़ों में भी अपने कदम बढ़ाता जा रहा है और अपनी पकड़ युवाओं पर मजबूत करता जा रहा है। नशे के काले कारोबार ने कई परिवारों के भविष्य को खायी में धकेल दिया है। इसी तरह के कुछ डरावने हालात हैं जनपद उत्तरकाशी के, जहां तीन माह में लगभग बीस लाख की स्मैक तथा करीब 9 लाख की चरस बरामद हुई हैं।

उत्तरकाशी जनपद के क्षेत्र मोरी और उससे लगे पुरोला ब्लॉक में बहुत पहले स्मैक के धंधे का व्यापार शुरू हो गया था लेकिन बीते एक-दो साल उत्तरकाशी समेत आस पास के इलाके में इस नशे ने तेजी से पांव गढ़ा दिए हैं, यही हाल चरस के व्यापार का है। नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस द्वारा नशामुक्त उत्तरकाशी अभियान भी चलाया गया, जिसके तहत नशा तस्करों पर लगातार कारवाही तथा गिरफ्तारी की जा रही है, लेकिन इन सब के बावजूद नशा तस्कर बाज नहीं आ रहे हैं|

नशा तस्करों की गिरफ्तारी की खबरें आए दिन अखबारों में पड़ी रहती है, जो देवभूमि के लिए खतरे की घंटी बनती जा रही है। वहीं नशा तस्करी में युवाओं के साथ-साथ युवतियां भी शामिल हो रही है। किशोरावस्था में नशे की लत लग जाने के बाद इससे बाहर निकलना आसान नहीं है, फलस्वरूप नशा नहीं मिलने पर वो किसी भी तरह का अपराध करने पर उतारू हो जाते हैं और यहीं से अपराध की शुरुआत भी हो रही हैं।

एसपी उत्तरकाशी प्रदीप राय ने कहा कि जनपद में नशा तस्करी करने वालों के खिलाफ लगातार कारवाही  की जा रही है और समय-समय पर नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिससे कि यहां के युवाओं को नशे की लत से दूर रखा जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई में बीते तीन माह में बीस लाख की स्मैक तथा 9 लाख की चरस बरामद की गई है, तथा संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखी जा रही है। इसके बाद भी युवा इसका सेवन करते हैं तो सख्ती अपनाई जाएगी।

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