नैनीताल हाईकोर्टः पौड़ी में एनसीसी अकादमी स्थापित करने की सभी रुकावटें दूर

कोर्ट ने जनहित याचिका को किया निरस्त
नैनीताल। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एनसीसी अकादमी स्थापित करने के मामले में सभी रुकावटें दूर हो गई हैं। हाईकोर्ट ने टिहरी के बजाय पौड़ी जिले में एनसीसी अकादमी बनाये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह नीतिगत मामला है और सरकार चाहे तो कहीं भी अकादमी स्थापित कर सकती है। गब्बर सिंह बंगारी की ओर से दायर जनहित याचिका पर बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में सुनवाई हुई। सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि केन्द्र की ओर से साल 2018 में प्रदेश में एनसीसी प्रशिक्षण अकादमी बनाने को कहा गया था। साथ ही इसके लिये 6.0 हेक्टेअर भूमि उपलब्ध कराने को बात कही गई थी। प्रदेश सरकार की ओर से टिहरी जिले के श्रीकोट में अकादमी स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसके लिये 40 ग्रामीणों की ओर से लगभग 4.0 हेक्टेअर भूमि व 2.0 हेक्टेअर सरकारी भूमि उपलब्ध कराने की बात कही गई। स्थायी अधिवक्ता बीएस परिहार की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि ग्रामीणों की ओर से मुआवजा के साथ ही प्रत्येक परिवार को रोजगार देने की शर्त रखी गई, जिसे अकादमी ने अस्वीकार कर दिया। यही नहीं सरकारी भूमि पर 1000 चीड़ व बांझ के पेड़ खड़े हैं। इसके बाद प्रदेश सरकार ने अकादमी अन्यत्र स्थापित की बात कही और पौड़ी जिले के राजस्व विभाग की ओर से देवार (पट्टी सितोनस्यूं) व गणिया गांव (पट्टी गगवाड़स्यू ) में कुल 4.677 हेक्टेअर जमीन नि:शुल्क उपलब्ध कराने को कहा गया। यही नहीं पौड़ी प्रशासन की ओर से जुलाई, 2019 को इस संबंध में एक प्रस्ताव भी सरकार को भेज दिया गया।वहीं, सरकार के इस निर्णय को याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से टिहरी के श्रीकोट में अकादमी स्थापित करने के लिये शिलान्यास भी कर दिया गया था लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के राज में अकादमी को पौड़ी में बनाने का निर्णय ले लिया गया जो कि गलत है। ऐसे में आज कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस जनहित याचिका को निरस्त कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *