देहरादून। विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को प्रतिवर्ष स्वैच्छिक रक्त दाताओं को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है । डीआईटी विश्वविद्यालय ने रेड क्रॉस सोसाइटी , राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको), राष्ट्रीय सेवा योजना और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के सहयोग से रक्तदान एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम को उत्तराखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा समर्थित किया गया था। डीआईटी विश्वविद्यालय के कई कार्यकर्ताओं ने इस अभियान में बड़ी भागीदारी दिखाई। इस तरह से एक महान कारण का समर्थन करने के लिए कई छात्रों और स्टाफ के सदस्यों ने स्वेच्छा एवं पूरे दिल से रक्तदान किया।
वेदांता ऑडिटोरियम में एक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया । इस मौके पर कुलाधिपति, डीआईटी विश्वविद्यालय, एन. रवि शंकर; निदेशक स्टीम एवं गुणवत्ता, डॉ मानिक कुमार; कुलपति, डीआईटी विश्वविद्यालय, प्रो जी. रघुरामा; रजिस्ट्रार, डीआईटी विश्वविद्यालय, डॉ वंदना सुहाग; प्राचार्य, नर्सिंग कॉलेज, डॉ. आर. बाबू, और विशिष्ट अतिथि निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भारत सरकार,उत्तराखंड डॉ सरोज नैथानी इस मौके पर मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नवीन सिंघल और उप-पंजीयक प्रसून पांडेय, सौरभ मिश्रा ने किया। मार्केटिंग टीम द्वारा किया गया कार्य प्रशंसनीय रहा। कार्यक्रम के दौरान, कुलाधिपति ने दर्शकों को संबोधित किया और रक्तदान की प्रासंगिकता, इसकी आलोचनात्मकता और इस मुद्दे से संबंधित अधिक ज्ञान को बढ़ावा देने के विश्वविद्यालय के प्रयास के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा रक्त प्रसारित करने के लिए ही होता है जो की विश्व रक्तदाता दिवस 2022 के नारे के साथ संरेखित होता है-रक्तदान एकजुटता का कार्य है। प्रयास में शामिल हों और जीवन बचाएं।