Uttarakhand Vidhansabha Election 2022 : चुनाव प्रचार अपने चरम पर , पक्ष-विपक्ष से हो रहे पलटवार

Uttarakhand: उत्तराखंड में चुनाव नजदीक आते आते सभी सत्ता को पाने की कोशिश में , कर रहे हैं एक दूसरे पर सियासी वार

उत्तराखंड विधानसभा के लिए चुनावी जंग अपने आखिरी छोर पर है। सत्ता में वापसी के लिए चुनावी जंग में उतरी भाजपा हो या कांग्रेस, बसपा और आम आदमी पार्टी सभी ने अपने सबसे बहुमूल्य नेताओं को प्रचार में झोंक दिया है। बृहस्पतिवार को भाजपा के प्रचार रथ पर सवार पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बयानों के धुआंधार तीर छोड़े तो कांग्रेस के प्रचार की कमान राहुल गांधी और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संभाली और उसी अंदाज में पलटवार करते दिखे। इन प्रतिद्वंदियों  के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती और दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया विपक्ष पर बरसते और उन्हें कोसते नजर आए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को श्रीनगर गढ़वाल में भाजपा के समर्थन में जनसभा की। सैन्य बहुल गढ़वाल में उनके भाषण का एक बड़ा हिस्सा सेना, पूर्व सैनिकों और कांग्रेस के सेना के प्रति रवैये को समर्पित रहा। उन्होंने जनरल बिपिन रावत पर सियासत को लेकर कांग्रेस पर करारा प्रहार किया और उन्हें जमकर कोसा। वंशवाद और परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर कटाक्षों के तीर चलाये। उनका कहना था कि कांग्रेस कुर्सी के लिए जनरल बिपिन रावत की तस्वीर का सहारा लेने से भी नहीं हिचक रही है। पार्टी के घोषणा पत्र, डबल इंजन की पावर, चारधाम आलवेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, केदारनाथ और बदरीनाथ का पुनर्निर्माण, एम्स, हर एक जिले में मेडिकल कॉलेज और अटल आयुष्मान योजना का मुख्य तौर से जिक्र किया और गढ़वाली बोली, स्थानीय देवी देवताओं और वीरंगनाओं के बारे में सम्बोधन किया।

उधर, हरिद्वार जिले की मंगलौर सीट पर कांग्रेस का प्रचार करने पहुंचे राहुल गांधी भी आक्रामक अंदाज में दिखे। वह प्रधानमंत्री पर पलटवार करने से नहीं चूके। उन्होंने राहुल सुनता नहीं है, मोदी के इस कटाक्ष पर उसी अंदाज में वार किया कि मुझ पर ईडी और सीबीआई का दबाव नहीं चलता। मैं पीछे नहीं हटता। राज्य में तीन मुख्यमंत्री बदलने को लेकर भी राहुल ने संकेतों में प्रहार किया। वह बोले, दिल्ली के राजा ने उत्तराखंड में चीफ मिनिस्टर बदले। चोरियां कराई जा रही हैं।

चुनाव प्रचार के निर्णायक दौर में बसपा सुप्रीमो भी रण में उतर आईं। रुड़की जनसभा में उन्होंने सोशल इंजीनियरिंग का मंत्र जपा तो केंद्र और राज्य पर यह कटाक्ष किया कि वह अमीर सेठों के सहारे चल रही है। उन्होंने गरीबी, बेरोजगारी के लिए केंद्र और राज्य की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही अपने राजकाज के समय की उपलब्धियों का जिक्र करना भी नहीं भूली। बोली, बसपा घोषणापत्र के जरिये कहने में नहीं बल्कि करने में विश्वास करती है।

भाजपा का प्रचार करने के लिए उतरे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के निशाने पर भी कांग्रेस रही। हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के लिए पहुंचे शिवराज ने राहुल गांधी को हास्य कलाकर तक कह दिया। साथ ही कांग्रेस के चारधाम चार काम पर भी कटाक्ष किया कि सोनिया, राहुल, प्रियंका और दामा बाढेरा कांग्रेस के चारधाम हैं। हरीश रावत को कांग्रेस का शुभचिंतक घोषित किया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने धारी और डीडीहाट में चुनावी सभाएं कीं। स्मृति भी यूनिवर्सिटी वाले मामले पर कांग्रेस को घेरने से नहीं चूकी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस यूनिवर्सिटी के नाम पर माहौल खराब कर रही है।

कांग्रेस के प्रचार की बागडोर बृहस्पतिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरेजवाला ने संभाली। किसान आंदोलन से प्रभावित ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में उन्होंने भाजपा सरकार को किसानों को शहादत के जिम्मेदार ठहराया| नैनीताल में सुरजेवाला महंगाई को लेकर भाजपा पर बरसे। उन्होंने भाजपा के दृष्टिपत्र को जुमला पत्र की मिसाल दी।

चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी इस रणमैदान में उतार दिया। सिसोदिया बृहस्पतिवार को गदरपुर में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के गढ़ में पहुंचे। उन्होंने वहां शिक्षा मंत्री को बहस के लिए ललकारा। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने भाजपा और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

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