बच्चों के लिये मां का आंचल साबित हो रही आयुष्मान योजनाः डॉ0 धन सिंह रावत

  • सूबे के 10 हजार बीमार नौनिहालों को मिला आयुष्मान का आशीर्वाद
  • बच्चों की गंभीर बीमारी में काम आया आयुष्मान कार्ड, मिला उपचार
  • स्वास्थ्य मंत्री बोले आयुष्मान मतलब निःशुल्क इलाज

देहरादून: सूबे के नौनिहालों के लिये आयुष्मान योजना मां का आंचल साबित हो रही है। योजना के तहत नवजात शिशु से लेकर चार वर्ष आयु वर्ग के दस हजार से अधिक बीमार नौनिहालों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध की गई। जिस पर सरकार ने रूपये 32.38 करोड़ खर्च किये। नौनिहालों को बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में हैं। उन्हें सेहतमंद और रोग मुक्त रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा ब्लॉक स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि आयुष्मान योजना प्रदेश के नौनिहालों के लिये मां का आंचल साबित हो रही है। नवजात शिशु से लेकर चार वर्ष के आयु वर्ग के नौनिहालों को आयुष्मान का आशीर्वाद बखूबी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत अब तक दस हजार से अधिक बीमार बच्चों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जिसमें 1397 बालक एवं 8700 बालिकाएं शामिल है। विभागीय मंत्री ने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत देहरादून जनपद में 4024, हरिद्वार में 1689, ऊधम सिंह नगर में 1678, टिहरी गढ़वाल में 879, पौड़ी गढ़वाल में 475, उत्तरकाशी में 452, नैनीताल में 306, चमोली में 184, रूद्रप्रयाग में 168, चम्पावत में 98, अल्मोड़ा में 67, पिथौरागढ़ में 62 एवं बागेश्वर में 15 बच्चों का निःशुल्क उपचार किया गया। जिस पर सरकार द्वारा रूपये 32.38 करोड़ खर्च किये गये। उन्होंने बताया कि योजना के तहत विभिन्न अस्पतालों में बच्चों की सांस संबंधी दिक्कतें, जीर्ण दस्त, फ्रेक्चर, डिहाइड्रेशन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, गंभीर रक्ताल्पता, निमोनिया, बुखार आदि बीमारियों का इलाज कराया गया। डॉ0 रावत ने बताया कि आयुष्मान योजना प्रत्येक व्यक्ति के लिये संजीवनी का काम कर रही है और बच्चों से लेकर बुजुर्ग इसका लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 47.32 लाख आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं। 5.17 लाख बार लाभार्थियों द्वारा विभिन्न अस्पतालों में निःशुल्क उपचार का लाभ ले चुके हैं। लाभार्थियों के विभिन्न रोगों के उपचार पर रूपये 868 करोड़ खर्च किये जा चुके हैं। डॉ0 रावत ने कहा कि आयुष्मान कार्ड बनाने से वंचित रहे गये लोगों के कार्ड बनाये जा रहे हैं ताकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के दौरान निःशुल्क उपचार उपलब्ध हो सके। इसके अलावा राज्य के विभिन्न अनाथालयों में रह रहे बच्चों के भी आयुष्मान कार्ड बनाये जायेंगे जिसके निर्देश राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों को दे दिये गये हैं।

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