देहरादून: ‘भविष्य के विधि छात्र’ विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन दून पुस्तकालय एवं अनुसंधान केंद्र, लैंसडाउन चौक, देहरादून में अधिवक्ता ऋतु गुजराल द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में देश के प्रख्यात विधिवेत्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. (अधि.) आदिश सी. अग्रवाला उपस्थित रहे, जो अंतरराष्ट्रीय न्यायविद परिषद के अध्यक्ष, अखिल भारतीय बार संघ के अध्यक्ष तथा सर्वोच्च न्यायालय बार संघ के पूर्व अध्यक्ष हैं।
डॉ. अग्रवाला ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में विधि छात्रों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वे केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त न करें बल्कि न्यायिक क्षेत्र की व्यावहारिक चुनौतियों के प्रति भी सजग रहें। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति, निरंतर परिश्रम और संवैधानिक मूल्यों की गहरी समझ आवश्यक है। डॉ. अग्रवाला ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी, न्यायिक प्रक्रिया की जटिलताओं और एक सफल अधिवक्ता बनने के लिए आवश्यक गुणों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की तथा उपयोगी मार्गदर्शन दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राजेश टंडन, वरिष्ठ अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय तथा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने की। इस अवसर पर अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे जिनमें अधिवक्ता राकेश गुप्ता, अध्यक्ष, बार परिषद उत्तराखंड; डॉ. मधुरी बर्थवाल, पद्मश्री सम्मानित शास्त्रीय एवं लोक संगीत विशेषज्ञ; अधिवक्ता आर.एस. राघव, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व सदस्य, राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण उत्तराखंड; रणवीर सिंह चौहान (भारतीय प्रशासनिक सेवा), महानिदेशक, कृषि एवं उद्यान विभाग; अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल, अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ देहरादून; अधिवक्ता राजबीर सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष, बार परिषद उत्तराखंड; अधिवक्ता अनुज शर्मा तथा डॉ. तृप्ति जुयाल सेमवाल, उपाध्यक्ष, माया देवी विश्वविद्यालय विशेष रूप से सम्मिलित रहे।
इस आयोजन को अधिवक्ता ऋतु गुजराल ने सफलतापूर्वक संपन्न किया। कार्यक्रम में सहयोगी संस्थाओं के रूप में सांख्य योग फाउंडेशन, अंतरराष्ट्रीय संस्थान मनोमितीय परामर्श (आई.आई.पी.सी.), उत्तराखंड परीक्षा नोट्स, तथा न्यायवाणी फाउंडेशन की सक्रिय भागीदारी रही। सफल कार्यक्रम में सांख्य योग फाउंडेशन तथा आई.आई.पी.सी. के अध्यक्ष डॉ. मुकुल शर्मा का विशेष सहयोग रहा तथा कार्यक्रम का संचालन भी डॉ. मुकुल शर्मा ने दीपक शर्मा के साथ किया।
कार्यक्रम के दौरान माया देवी विश्वविद्यालय की ओर से विधिक शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली हस्तियों — डॉ. तृप्ति जुयाल सेमवाल, डॉ. शालिनी बहुगुणा (एक्सेल फाइल संस्था) एवं अधिवक्ता शराफत जी (सिद्धार्थ विधि महाविद्यालय) — को “विधि सम्मान 2025” से सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में चार विशिष्ट व्यक्तित्वों को विशेष सम्मान प्रदान किए गए जिनमें प्रिया गुलाटी को “मार्गदर्शक श्री सम्मान 2025”, अधिवक्ता सुनील सिंह राघव, अधिवक्ता मीना पंत तथा अधिवक्ता मनमोहन शर्मा को “संविधान प्रहरी सम्मान 2025” से अलंकृत किया गया।
इस अवसर पर डी.ए.वी. महाविद्यालय, आई.सी.एफ.ए.आई. विश्वविद्यालय, यूपीईएस, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ विधि महाविद्यालय, जगन्नाथ विश्वविद्यालय, माया देवी विश्वविद्यालय, उड़ान अकादमी, विजडम अकादमी, के-टू अकादमी, शिखर अकादमी तथा उत्कृष्ट अकादमी सहित अनेक शिक्षण संस्थानों के विधि छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम के समापन पर अधिवक्ता ऋतु गुजराल ने सभी अतिथियों, सहयोगी संस्थाओं एवं छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विधि छात्रों के व्यक्तित्व विकास और उनके व्यावहारिक ज्ञान को सशक्त बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।