देहरादून। उत्तराखंड में भर्ती पेपर लीक मामले में हर दिन एक से बढ़कर एक मास्टरमाइंड एसटीएफ की पकड़ में आ रहे हैं जिन पर इस बहुचर्चित मामले में नकल कराने और नकल के लिए गठजोड़ करने के आरोप लगे हैं। अब इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी ) पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नकल माफिया के एक और गठजोड़ का पर्दाफाश किया है। साथ ही नकल के नए सेंटर का भी खुलासा किया है। ग्राम विकास अधिकारी ( वीपीडीओ ) परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले में उत्तर प्रदेश के चंदौली निवासी शशिकांत, हाल निवासी हल्द्वानी को गहन पूछताछ और पुख्ता सबूतों के आधार पर एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ की यह 27वीं गिरफ्तारी है। उत्तराखंड एसटीएफ टीम ने नैनीताल के डिंगता रिजॉर्ट धनाचूली बैंड में एक और नकल गिरोह का पर्दाफाश किया है। जहां 60 छात्रों को नकल कराई गई थी। एसटीएफ ने नकल मामले में 60छात्रों को चिन्हित किया है। जॉर्ट अल्पाइन वहीं पास में है। वहां बाकी बच्चों को ले जाया गया था। सभी रिकॉर्ड रिजॉर्ट से प्राप्त कर एसटीएफ जांच कर रही है। बहुत से स्टूडेंट्स पेपर क्लियर नहीं कर पाए हैं, उसको वेरिफाई एसटीएफ टीम की और से किया जा रहा है। अभियुक्त शशिकांत ने खुद के 4 ऑनलाइन परीक्षा केंद्र हल्द्वानी, अल्मोड़ा, चंपावत और पिथौरागढ़ में खोले हुए हैं। इन परीक्षा केंद्रों में अब तक 40 से अधिक परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई हैं। उत्तर प्रदेश के नकल माफिया शशिकांत पर साल 2013 में उत्तराखंड सीटीईटी परीक्षा में नकल कराने पर हल्द्वानी में भी मुकदमा दर्ज है । बीते वर्ष 2021 में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले से पहले भी उत्तराखंड में कई भर्ती परीक्षाओं के घपले हुए हैं, जिनकी जांच अभीतक पूरी नहीं हुई है। ऐसा ही एक मामला साल 2015-16 का है। साल 2015 में यूकेएसएसएससी ने ग्राम विकास अधिकारी का पेपर कराया था, जिसमें कई अभ्यर्थियों की आंसर ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी और उन्हें पास दिखाया गया है। इस मामले का खुलासा साल 2020 में हुआ था। इस मामले में विजिलेंस ने मुकदमा भी दर्ज किया था। तभी से विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही है। लेकिन अभीतक न तो विजिलेंस किसी को आरोपी बना पाई है और न ही इस केस जांच पूरी कर पाई है। ऐसे में सरकार ने अब ग्राम विकास अधिकारी भर्ती घोपले की जांच भी उत्तराखंड एसटीएफ को देने का फैसला किया ताकि इस मामले से भी जल्द से जल्द पर्दा उठ सके। संभावना जताई जा रही है कि एसटीएफ जल्दी ही इस मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी जल्दी ही कर सकती है। एसटीएफ के रडार पर कई बड़े मगरमच्छ हैं जो जल्दी ही जाल में आ सकते हैं।