- विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में आयोजित होंगे ‘शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम
- नशा मुक्त कैम्पस के लिये चलाये जाय जागरूकता अभियान
- अपना-अपना शैक्षणिक कैलेंडर जारी करे विश्वविद्यालय, 180 दिन का अनिवार्य शैक्षिक कार्यक्रम करें लागू
देहरादून। यूजीसी मानकों के अनुरूप छात्र-छात्राओं को डीजी लॉकर के माध्यम से डिग्री उपलब्ध कराने के निर्देश सभी राजकीय विश्वविद्यालयों को दे दिये गये हैं। विश्वविद्यालय अपना-अपना शैक्षणिक कैलेंडर जारी कर 180 दिन का अनिवार्य शैक्षिक कार्यक्रम लागू करेंगे, इसके अलावा विश्वविद्यालय 40 दिन में परीक्षाएं आयोजित कर एक माह के भीतर सभी पाठ्यक्रमों के रिजल्ट घोषित करेंगे। छात्र-छात्राओं की समस्याओं एवं शैक्षणिक गतिविधियों के मध्यनज़र विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ‘शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। राज्य में नशा मुक्त कैम्पस के लिये शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ जनजागरूकता अभियान संचालित करने के निर्देश भी बैठक में दिये गये। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक ली। डॉ. रावत ने बताया कि यूजीसी मानकों के अनुरूप छात्र-छात्राओं को डिग्री, अंक प्रमाण पत्र एवं अन्य प्रमाण पत्र विश्वविद्यालय की ओर से डीजी लॉकर के माध्यम से उपलब्ध कराये जायेंगे, इसके लिये सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि डीजी लॉकर व्यवस्था से छात्र-छात्राओं को अपने शैक्षिक दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे। विभागीय मंत्री ने विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक कैलेंडर जारी कर 180 दिन का अनिवार्य शैक्षिक कार्यक्रम लागू करने को कहा, साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालयों में केन्द्रीयकृत मूल्यांकन प्रणाली स्थापित करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय 40 दिन में परीक्षाएं आयोजित कर 30 दिन के भीतर सभी पाठ्यक्रमों के रिजल्ट घोषित करें। उन्होंने परीक्षा नियंत्रकों को ऐसे महाविद्यालयों के प्राचार्याे को पत्र भेज कर परीक्षा परिणामों का विश्लेषण करने को कहा जहां परीक्षा परिणामों में लगातार गिरावट आ रही है। ताकि महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की समस्याओं और पठन-पाठन में आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सके। डॉ. रावत ने महाविद्यालयों में प्रत्येक माह कुलसचिव की उपस्थिति में ‘शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश भी दिये। ‘शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षकों एवं प्राचार्यों से संवाद स्थापित किया जायेगा। इसके साथ ही राज्यभर के शिक्षण संस्थानों को नशा मुक्त कैम्पस बनाने व जनजागरूकता अभियान संचालित करने लिये नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश भी बैठक में दिये गये। इसके अलावा नई शिक्षा नीति लागू करने, सेमेस्टर प्रणाली लागू करने, शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर पदों को शीघ्र भरने, ससमय निर्माण कार्यों को पूरा करने, छात्र निधि के पैसे को छात्र हित में खर्च करने के लिए डीएसडब्ल्यू की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश विश्वविद्यालय के अधिकारियों को बैठक में दिये गये। बैठक में अपर सचिव उच्च शिक्षा एमएम सेमवाल, उप सचिव शिव स्वरूप त्रिपाठी, अनु सचिव व्योमकेश दुबे, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. एएस उनियाल, कुलसचिव दून विश्वविद्यालय एम.एस. मन्द्रवाल, कुलसचिव कुमाऊं विवि दिनेश चन्द्रा, कुलसविच श्रीदेव सुमन विवि खेमराज भट्ट, कुलसचिव उत्तराखंड मुक्त विवि डॉ. पीडी पंत, प्रभारी कुलसचिव सोबन सिंह जीना विवि डॉ. डीएस. बिष्ट, परीक्षा नियंत्रक दून विवि नरेन्द्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक मुक्त विवि डॉ. सोमेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक श्रीदेव सुमन विवि डॉ. एमएस रावत, परीक्षा नियंत्रक कुमाऊं विवि प्रो. एचसीएस बिष्ट, परीक्षा नियंत्रक एसएसजे विवि एसके जोशी, परीक्षा नियंत्रक उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. विजय जुयाल, वित्त नियंत्रक सुनील कुमार रतूड़ी, नमिता सिंह, अनिता आर्या सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।